Friday, August 31, 2012

वो नही मिलें ,थे हम जिनकी तलाश में

वो नही मिलें ,थे हम जिनकी तलाश में ,
मिलने को राहों में कई सिलसिले मिलें ।

तन्हाईयां मिलीं कभी रुसवाईयां मिलीं ,
इश्क के बदले हमें , शिकवे गिले मिलें ।

कह नही पाए किसी से हाले दिल कभी ,
जो भी मिले दोस्त,सभी दिलजले मिलें ।

आया कोई  जो पास, मददगार की तरह ,
मतलबी , मौकापरस्त  , मनचले मिलें ।

झूठी वफायें दिल को, कभी रास न आई ,
मिलनें को राहों में कई, गुल खिले मिलें ।

दिल ने बना रखा है, उनके यादों का मजार ,
फर्क क्या मजार को न  ,  महफिले मिलें ।

शायरी

हम दूर सबसे होके, पहरों थे डूबे गम में ,
                        बिसरी हुई यादों में,भूले हुए कसम में ।

कुछ अपने दूर से भी, रोये हमारी खातिर ,
                      वो बेरहम है ऐसे ,की हँस रहे थे हम में ।

शायरी

अगर तेरी यही फितरत है, की हो जख्म इस दिलपर ,
                                लगा वो घाव की  दिलबर,  हमारी जान पर आये ।

कहीं ऐसा न हो की  , चोट जब जी भर लगले तू ,
                                मैं  मुस्कुराऊं  और  तुम्हारी  आँख  भर  आये ।

शायरी

जलता हुशन है आदत है उसको आजमाने की ,
                             तड़पता इश्क है उम्मीद में दिलबर को पाने की ।

कसम खाई है दोनों ने मगर बस  फर्क है इतना ,
                         इक ने दिल लगाने की तो इक ने दिल जलाने की ।

Monday, August 27, 2012

माना तेरी दुनियां में हम बदनाम बहुत हैं

माना तेरी दुनियां में हम बदनाम बहुत हैं ,
पर इश्क की दुनियां में अपना नाम बहुत है ।

दीवानों को दुनियां को जितने से भला क्या ,
दिल जीत ले किसी का ये मुकाम बहुत है ।

इत्मिनान  रख  तू  ऐ  दीवानगी  मेरी ,
पहले ही  मुहब्बत  पे इल्जाम बहुत है ।

इक पल के लिए दिल को कहीं चैन नही है ,
और कहने को दीवानों को आराम बहुत है ।

वो  आये  और  मुस्कुरा  के  देखते  रहे ,
हम होश में हैं फिर भी ये इनाम बहुत है ।

कुछ पाने की दिल की अब चाहत नही रही ,
हम दिल में हैं उनके यही अंजाम बहुत है ।

शायरी

जमीं से फ़लक तक पहरा तेरा है ,
                           बातें  तेरी  है  चर्चा  तेरा  है ।

खुदा ने बनाया था इक दिल का टुकड़ा ,
                जो मेरी ही झोली में आके गिरा है ।

शायरी

लम्बा है सफर सोंचकर चलते रहे फिर भी ,
                     वो हमसफर हमसे कभी सफर में मिलेंगे ।

हो सकता है जमीन पे मिलन न हो लिखा ,
              मुमकिन है हम दीवाने फिर अम्बर में मिलेंगे ।

तुम्हारे प्यार में तुम पर कभी मैं गीत इक लिखूं

तुम्हारे प्यार में तुम पर कभी मैं गीत इक लिखूं ,
और जब गुनगुनाऊ तुम मेरी आवाज बन जाना ।

जो छेडू दिल के तोरों को अपनी सांसों की धुन पर ,
धडकन ताल बन जाये और तुम साज बन जाना ।

कभी आये जहाँ चाहत हमारी आजमाने को ,
मैं अंजाम बन जाऊं और तुम आगाज बन जाना ।

कोई भी जन न पाए ये अफसाने मुहब्बत के ,
मेरे सीने में छुप के तू हसीं इक राज बन जाना ।

Tuesday, August 21, 2012

शायरी

अगर लिख पाते हम अपने दिल की पीड़ लिख देते ,
                                  तुम्हारे वास्ते दुनिया की हर जागीर लिख देते ।

तेरे हिस्से के सारे गम हम तुझसे ले लेते ,
                              अपने खुशियों के दम से तेरी तकदीर लिख देते । 

शायरी

जिस महफिल में न हो दोस्त वो महफिल बदल लेना ,
                        मिले  न  रास्ते  में  दोस्त ,   तो  मंजिल बदल लेना ।

अगर दिल में बहुत हो दर्द जिसको सह नही पाओ ,
                        तो यूँ करना की मेरे दिल से अपना दिल बदल लेना ।