कभी - कभी ही दिल इतना उदास होता है ।
और जब भी होता है तब बेहिसाब रोता है ।
बड़ी नाराजगी से देखता है दुनियां को ,,
नाराज दिल न फिर सारी रात सोता है ।
गले से लगके जिसके रोने को जी करता है ,
वही इक शख्स दिल से दूर बहुत होता है ।
अब चल मान जा पागल की क्यूँ दीवाना है ,
बुरा कुछ भी तो मुहब्बत में नही होता है ।
और जब भी होता है तब बेहिसाब रोता है ।
बड़ी नाराजगी से देखता है दुनियां को ,,
नाराज दिल न फिर सारी रात सोता है ।
गले से लगके जिसके रोने को जी करता है ,
वही इक शख्स दिल से दूर बहुत होता है ।
अब चल मान जा पागल की क्यूँ दीवाना है ,
बुरा कुछ भी तो मुहब्बत में नही होता है ।
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