ऐ इश्क चला जा मुझे तेरा दर न चाहिए ।
तेरे दर्द में डूबा हुआ सफर न चाहिए ।
धरती पे भी सो लेंगे हो गर नींद आँख में ,
नींदें गंवाके फूलों का बिस्तर न चाहिए ।
मेरे होश मेरे खाब मेरा चैन देके जा ,
मुझको दिल बेवजह का बेसबर न चाहिए ।
इक बार तेरा होके मैंने देख लिया है ,
इल्जामें-इश्क फिर से मुझे सर न चाहिए ।
सब कुछ लुटा दिया मगर न तू हुआ हासिल ,
सुन बेवफा मुझे तुझसा हमसफर न चाहिए ।
तेरे दर्द में डूबा हुआ सफर न चाहिए ।
धरती पे भी सो लेंगे हो गर नींद आँख में ,
नींदें गंवाके फूलों का बिस्तर न चाहिए ।
मेरे होश मेरे खाब मेरा चैन देके जा ,
मुझको दिल बेवजह का बेसबर न चाहिए ।
इक बार तेरा होके मैंने देख लिया है ,
इल्जामें-इश्क फिर से मुझे सर न चाहिए ।
सब कुछ लुटा दिया मगर न तू हुआ हासिल ,
सुन बेवफा मुझे तुझसा हमसफर न चाहिए ।
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