जख्मों के पार अगर जाना हो ,
अपने जख्मों को हरा रखना।
गर
ख्वाहिश
हो
आसमां
की तो ,
उम्मींदो
का
बाग़
भरा
रखना।.
ज़िन्दगी
की
उमस
भरी
दोपहरी
में
,
कुछ
खुशनुमा
आवोहवा
रखना।
दर्द
और
बढ़ाएंगे
ये
दुनियावालें
,
पास
में
दर्दें
दिल
की
दवा
रखना।
जहर
घोलतें
हैं
लोग
मीठी
बातों
से
,
ऐसे
लोगों
से
खुद
को
जुदा
रखना।
हो
जुदाई
ही
मयस्सर
कहीं
जो
उल्फत
में
,
यार
को
मान
के
दिल
में
खुदा
रखना।
हौंसलो
की
भी
आजमाइश
हुआ
करती
हैं
,
अपने
पाओं
को
धरती
में
जमा
रखना।
पावों
के
नीचे
से
छीन
ले
जमीं
दुनिया
,
इससे
पहले
बचा
के
कुछ
आसमां रखना।
कहीं
कुतर
न
दें
वो
पंख
फरफराए
तो
,
अपने
अरमानों
को
दिल
में
दबा
रखना।
छिन
न
लें
कहीं
वो
खुश
होने
की
वजह
,
अपने
आखों
में
ही
सपनों
का
पता
रखना।
मिले
न
प्यार
जमाने
का
कोई
बात
नहीं
,
अपना
प्यार
अपने
वास्ते
बचा
रखना।
न
होने
पाए
कभी
विरान
ये
दिल
की
दुनिया
,
हर
कोने
में
जला
के
शमां रखना।।