अपने परों को उड़ने से रोकना होगा,
परिंदे फिर तुझे पिंजरे में लौटना होगा,
परिंदे फिर तुझे पिंजरे में लौटना होगा,
वक़्त के हाथ पतवार है तेरी - मेरी ,
हवाएं मुड़ गई ख़ाबों को मोड़ना होगा।।
हवाएं मुड़ गई ख़ाबों को मोड़ना होगा।।
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प्रीति सुमन
प्रीति सुमन
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