आइये ग़ालिब को पढ़े
1.
जानदी , दी हुई उसी की थी
जानदी , दी हुई उसी की थी
हक़ तो ये है कि हक़ अदा न हुआ ।
2.
न था कुछ तो ख़ुदा था,कुछ न होता तो ख़ुदा होता ,
डुबोया मुझको होने ने, न होता मैं तो क्या होता।।
न था कुछ तो ख़ुदा था,कुछ न होता तो ख़ुदा होता ,
डुबोया मुझको होने ने, न होता मैं तो क्या होता।।
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Ghalib
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