Wednesday, September 13, 2017

ग़ालिब

आइये ग़ालिब को पढ़े

1.
 जानदी , दी हुई उसी की थी 
हक़ तो ये है कि हक़ अदा न हुआ ।


2.
न था कुछ तो ख़ुदा था,कुछ न होता तो ख़ुदा होता ,
डुबोया मुझको होने ने, न होता मैं तो क्या होता।।

By
Ghalib

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