"किस ऑफ़ लव " जैसे कार्यक्रमों में महिलाओं की हिस्सेदारी हास्यास्पद है ।
महिलाओं , युवतियों और बच्चियों पर होनेवाले अत्याचारों में दिनों - दिन
बढ़ोतरी हो रही है और महिलायें "किस ऑफ़ लव " डे मना रही हैं । एक
जागरूक और सकारात्मक सोंच के साथ महिलाओं को किसी उद्देश्यपूर्ण
कार्यक्रम का हिस्सा बनना चाहिए ।' किस ' और 'लव ' का मुद्दा तब उठना
चाहिए जब हम आश्वस्त हो जाये की देश में सारी महिलाएं सुरक्षित हैं ।
महिलाओं , युवतियों और बच्चियों पर होनेवाले अत्याचारों में दिनों - दिन
बढ़ोतरी हो रही है और महिलायें "किस ऑफ़ लव " डे मना रही हैं । एक
जागरूक और सकारात्मक सोंच के साथ महिलाओं को किसी उद्देश्यपूर्ण
कार्यक्रम का हिस्सा बनना चाहिए ।' किस ' और 'लव ' का मुद्दा तब उठना
चाहिए जब हम आश्वस्त हो जाये की देश में सारी महिलाएं सुरक्षित हैं ।
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