जमाना इस तरह बदला रिवायत इस तरह बदली ।
की पहचानी न जाती है मुहब्बत इस तरह बदली ।
मैं उस बिन जी न पाऊँगी मुझे कुछ ऐसा लगता था
न जाने कब कहाँ मैंने ये आदत किस तरह बदली ।
वो जिस को घर बचाना था वो ही घर का लुटेरा था
कहाँ किसको खबर थी है शराफत इस तरह बदली ।
बना था देवता मन का मगर तन का पुजारी था ,
जमाने ने मुहब्बत की रिवायत इस तरह बदली ।
मुझे जिसकी तमन्ना थी वो ही मुझ को न मिलना था
मिला जो उसको चाहा मैंने चाहत इस तरह बदली । ।
की पहचानी न जाती है मुहब्बत इस तरह बदली ।
मैं उस बिन जी न पाऊँगी मुझे कुछ ऐसा लगता था
न जाने कब कहाँ मैंने ये आदत किस तरह बदली ।
वो जिस को घर बचाना था वो ही घर का लुटेरा था
कहाँ किसको खबर थी है शराफत इस तरह बदली ।
बना था देवता मन का मगर तन का पुजारी था ,
जमाने ने मुहब्बत की रिवायत इस तरह बदली ।
मुझे जिसकी तमन्ना थी वो ही मुझ को न मिलना था
मिला जो उसको चाहा मैंने चाहत इस तरह बदली । ।
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