Theme of this blog is love and emotions attached . Songs , Gajals , Shayri written on this blog are completely my personal vies and feelings which i put into words. You can find different kind of emotion related to love and passion arranged into words which will touch your heart.
Monday, February 24, 2014
Saturday, February 22, 2014
कोई साथ हो या न हो तो क्या
तेरे साथ मैं मेरे साथ तू , कोई साथ हो या न हो तो क्या ।
चल थाम हाथ में हाथ यूँ , कोई साथ हो या न हो तो क्या ।
हर राह में हर मोड़ पर तुझे मैं मिलूं मुझे तू मिले ,
तेरे साथ की मैं दुआ करूं , कोई साथ हो या न हो तो क्या ।
ना रंज है न मलाल है जैसा भी अपना हाल है ,
मैं क्यूँ किसी से गिला करूं ,कोई साथ हो या न हो तो क्या ।
मेरी फिक्र तू तेरी फिक्र मैं बस किया करें यूँ जिया करें ,
तेरे वास्ते ही जियूं - मरूं , कोई साथ हो या न हो तो क्या ।
चल थाम हाथ में हाथ यूँ , कोई साथ हो या न हो तो क्या ।
हर राह में हर मोड़ पर तुझे मैं मिलूं मुझे तू मिले ,
तेरे साथ की मैं दुआ करूं , कोई साथ हो या न हो तो क्या ।
ना रंज है न मलाल है जैसा भी अपना हाल है ,
मैं क्यूँ किसी से गिला करूं ,कोई साथ हो या न हो तो क्या ।
मेरी फिक्र तू तेरी फिक्र मैं बस किया करें यूँ जिया करें ,
तेरे वास्ते ही जियूं - मरूं , कोई साथ हो या न हो तो क्या ।
Thursday, February 20, 2014
Saturday, February 8, 2014
मुहब्ब्त है , नही
शोर है कितना मुहब्ब्त है , मुहब्ब्त है नही ।
फूल और तोहफे सजावट है , मुहब्ब्त है नही ।
ले चलो उस पार कि जिस पार हो दिल का जहाँ ,
इस जहाँ में है तो नफरत है मुहब्ब्त है नही ।
मुस्कुराहट में भी कितनी बात, कितनी घात है ,
आशिकी में भी बनावट है , मुहब्ब्त है नही ।
मैं खफा न हूँ तो तुम मेरी रजा मत मान लो ,
ये मेरे दिल कि शराफत है , मुहब्बत है नही ।
मांगने तक ठीक था अब छीनने पर आ गये ,
ये तो वहशत है बगावत है , मुहब्ब्त है नही ।
अपने बंदों को भी तू देता नही अपना पता ,
Monday, February 3, 2014
जिंदगी के हाल पे न तेरा बस न मेरा बस
जिंदगी के हाल पे न तेरा बस न मेरा बस ।
हैं सोंचते कभी - कभी ,है क्या मेरा और क्या नही ,
आते हुए ख्याल पे न तेरा बस न मेरा बस ।
वो आया था तो क्यूँ गया , क्यूँ चैन मेरा ले गया ,
दिल में उठे बवाल पे न तेरा बस न मेरा बस ।
लो फिर से लग गई नई , उलझन कभी गई नही ,
मुसीबतों के जाल पे न तेरा बस न मेरा बस ।
ये जिंदगी है इक जुआ , न जाने कब कि क्या हुआ ,
किस्मत कि टेढ़ी चाल पे न तेरा बस न मेरा बस
हैं सोंचते कभी - कभी ,है क्या मेरा और क्या नही ,
आते हुए ख्याल पे न तेरा बस न मेरा बस ।
वो आया था तो क्यूँ गया , क्यूँ चैन मेरा ले गया ,
दिल में उठे बवाल पे न तेरा बस न मेरा बस ।
लो फिर से लग गई नई , उलझन कभी गई नही ,
मुसीबतों के जाल पे न तेरा बस न मेरा बस ।
ये जिंदगी है इक जुआ , न जाने कब कि क्या हुआ ,
किस्मत कि टेढ़ी चाल पे न तेरा बस न मेरा बस
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