भूली बिसरी बातों पर अब क्या पछताना ,
ले छोड़ दिया तेरी गलियों में आना - जाना।
फिर भी लोग हक़ीक़त दिल कि पढ़ लेते हैं ,
अब भी मुझे बुलाते हैं कह के दीवाना ।
तेरी गली के मोड़ पे अब भी है ये चर्चा ,
भुला दिया है तूने अब हंसना - मुस्काना ।
मेरे कहने से क्या सब कुछ मिट जायेगा ,
नामुमकिन सा है मेरी जां प्यार छुपाना ।
चलो ये वादें देखें कब तक निभ सकते है ,,
मैं भी न आऊँ मिलने तुम भी न आना ।
ले छोड़ दिया तेरी गलियों में आना - जाना।
फिर भी लोग हक़ीक़त दिल कि पढ़ लेते हैं ,
अब भी मुझे बुलाते हैं कह के दीवाना ।
तेरी गली के मोड़ पे अब भी है ये चर्चा ,
भुला दिया है तूने अब हंसना - मुस्काना ।
मेरे कहने से क्या सब कुछ मिट जायेगा ,
नामुमकिन सा है मेरी जां प्यार छुपाना ।
चलो ये वादें देखें कब तक निभ सकते है ,,
मैं भी न आऊँ मिलने तुम भी न आना ।
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