Wednesday, September 13, 2017

लगा तीर कोई सीने में

टिस ऐसी उठी गम्भीर कोई सीने में।
आह निकली हुआ पीड़ कोई सीने में।

तूने आंखों से करामात कोई की शायद
ऐसा लगता है लगा तीर कोई सीने में।।
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प्रीति सुमन
Preeti Suman

'इश्क' जान पर बन आई

'इश्क' जान पर बन आई है सुनते हो तुम ?
दिल धड़कता है तो सांसों में घुटन होती है।

Ishk Jaan Par Ban Aai Hai Sunte Ho Tum ?
Dil Dhadakta Hai To Sanso'n Me Ghutan Hoti Hai..

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Preeti Suman
प्रीति सुमन

डिलीट करदी

तोड़ देती ये मुझे मुझमें ही इससे पहले ,
डिलीट करदी तेरी फ़ोटो तेरा नंबर तेरी यादें।

Tod Deti Ye Mujhe Mujhme Hi Isse Pahle ,
Delete Kardi Teri Photo Tere Number Teri Yade'n .

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Preeti Suman
प्रीति सुमन

बात खत्म हो जाएगी

कुछ बातें तो कहनी थी ,पर छोड़ो अब वो रहने दो,

तुम बस मुझपर हँस दोगी , और बात खत्म हो जाएगी ।।


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प्रीति सुमन

वो डूब गए

आये थे जानने आँखों की गहराई का सबब,

वो गहरे डूब गए हैं तलाश जारी है।।

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प्रीति सुमन

मेरे सब शब्द

मेरे मरने के बाद ये बोझ गर लगे तुमको,

मेरे सब शब्द मेरे कानों के पास रख देना।।

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प्रीति सुमन

चाँद पैरवी को आता है

रात का आना मुक़र्रर है इक सदी से मगर,

फ़िर भी हर रात चाँद पैरवी को आता है।

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प्रीति सुमन

ग़ालिब

आइये ग़ालिब को पढ़े

1.
 जानदी , दी हुई उसी की थी 
हक़ तो ये है कि हक़ अदा न हुआ ।


2.
न था कुछ तो ख़ुदा था,कुछ न होता तो ख़ुदा होता ,
डुबोया मुझको होने ने, न होता मैं तो क्या होता।।

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Ghalib

ख़ाबों को मोड़ना होगा

अपने परों को उड़ने से रोकना होगा,
परिंदे फिर तुझे पिंजरे में लौटना होगा,

वक़्त के हाथ पतवार है तेरी - मेरी ,
हवाएं मुड़ गई ख़ाबों को मोड़ना होगा।।
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प्रीति सुमन

जी न लगया

ऐसो बीमारी जी को लगया सखी,
लाख़ लगाऊं जी न लगया कहीं ,

कैसे छुपाऊं अब ये हाले-जिया ,
किसको बताऊं मैं जी लगया न जी ।

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प्रीति सुमन

तेरा गम



कम -से-कम इश्क में ये भरम तो रहे ,

तू नही, ना सही , ये तेरा गम तो रहे ।।

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प्रीति सुमन

क्या करूँ

मैं जिस ओर चलती हूँ ये उस ओर नही चलता ,

क्या करूँ इस दिल पे मेरा जोर नही चलता ।।

By प्रीति सुमन