यूँ ही आँख न नम होगा,
कुछ न कुछ तो गम होगा ।
ढूंढा तो उसने भी होगा ,
मिला नही मरहम होगा ।
कोई उपाये कर लोगे पर ,
गम धीरे ही कम होगा ।
आस लगाये बैठा है दिल ,
फिर से वही मौसम होगा ।
कभी तो रब कि रहमत होगी ,
कभी तो उसका करम होगा । ,,
कुछ न कुछ तो गम होगा ।
ढूंढा तो उसने भी होगा ,
मिला नही मरहम होगा ।
कोई उपाये कर लोगे पर ,
गम धीरे ही कम होगा ।
आस लगाये बैठा है दिल ,
फिर से वही मौसम होगा ।
कभी तो रब कि रहमत होगी ,
कभी तो उसका करम होगा । ,,
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