तेरी तरह इसी शहर का बसिंदा हूँ मैं ,
फर्क ये है कि तू इंसा है परिंदा हूँ मैं ।
तू तो सरहद पे बारूद बिछा रखता है ,,
मैं पार जाता हूँ और देखले जिन्दा हूँ मैं।
फर्क ये है कि तू इंसा है परिंदा हूँ मैं ।
तू तो सरहद पे बारूद बिछा रखता है ,,
मैं पार जाता हूँ और देखले जिन्दा हूँ मैं।
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