HAPPY VALENTINE DAY
पत्थर में उसे चुनवाया गया,
सौ पर्दे बिच छुपाया गया ।
हर बार प्रेम ने वही ज़िद की,
हर बार उसे ठुकराया गया।
कह पागल प्रेम बुलाया गया ,
नफ़रत से नीचे गिराया गया ।
इतने से जब जी नही भरा ,
फांसी पर प्रेम लटकाया गया।
आख़िर में वो जग छोड़ गया ,
तब शौक़ से शोक मनाया गया।
घर देख़ के ख़ाली प्रेम का फ़िर,
परदेशिया लव को मंगाया गया।
आधुनिकता का चश्मा देकर ,
दुनियां को यूँ भरमाया गया ।
अब प्रेम बन गया देह भूख ,
वेलेंटाइन डे पर्व मनाया गया ।
अब प्रेम नही पुरखों खुश हो,
तेरा पौरुष तो नही जाया गया।
उस जगह गलत ने घर कर ली,
जिस जगह से सही मिटाया गया ।
अब प्रेम नही न प्रीति है ,
नयनों के सुख की रीति है।
लो हारी अपनी संस्कृति है,
पाश्चात्य सभ्यता जीती है ।
पत्थर में उसे चुनवाया गया,
सौ पर्दे बिच छुपाया गया ।
हर बार प्रेम ने वही ज़िद की,
हर बार उसे ठुकराया गया।
कह पागल प्रेम बुलाया गया ,
नफ़रत से नीचे गिराया गया ।
इतने से जब जी नही भरा ,
फांसी पर प्रेम लटकाया गया।
आख़िर में वो जग छोड़ गया ,
तब शौक़ से शोक मनाया गया।
घर देख़ के ख़ाली प्रेम का फ़िर,
परदेशिया लव को मंगाया गया।
आधुनिकता का चश्मा देकर ,
दुनियां को यूँ भरमाया गया ।
अब प्रेम बन गया देह भूख ,
वेलेंटाइन डे पर्व मनाया गया ।
अब प्रेम नही पुरखों खुश हो,
तेरा पौरुष तो नही जाया गया।
उस जगह गलत ने घर कर ली,
जिस जगह से सही मिटाया गया ।
अब प्रेम नही न प्रीति है ,
नयनों के सुख की रीति है।
लो हारी अपनी संस्कृति है,
पाश्चात्य सभ्यता जीती है ।
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