Sunday, August 31, 2014

मुझको अपना हमदम कर ले

मैं तेरे सब गम बाँटूंगी
मुझको अपना हमदम कर ले ।

आ लग जा मेरे सीने से ,
गम अपना सारा कम कर ले ।

मैं तुझमें खो कर शोला अब ,
तू भी खुद को शबनम कर ले ।

तेरे सब आंसू अब मेरे ,
तू भी खुशियों का दम भर ले ।

अब से इस पल से मैं तेरी ,
तू खुद को तू से हम कर ले ।।




Saturday, August 30, 2014

जां धीरे - धीरे लेता था

जैसे की हो मरहम कोई वो गम यूँ मुझको देता था,
कातिल मेरा - मेरा होकर जां धीरे - धीरे लेता था ।


Friday, August 29, 2014

अँधा जग को होते देखा

उसको भी गम होते देखा ,
सच को मैंने रोते देखा ।

अपनी राहों में ही सबको ,
मैंने काँटे बोते देखा ।

माया हो कितनी भी भारी ,
गठरी सब को ढोते देखा ।

निगरानी की बारी थी जब  ,
तब ही सबको सोते देखा ।

आँखों में बिन बाँधे पट्टी ,
अँधा जग को होते देखा ।




कहने की बात

कुछ और बात करलो मुहब्बत को छोड़ कर  ,
रहने भी दो छोडो ये बस कहने की बात है । 




Sunday, August 24, 2014

दिल की दवा

बहुत खूब दिल की दवा कर रहे हैं  ,
जलाते हैं दिल फिर हवा कर रहे हैं ।

बहुत मिन्नतों से भी मिलते नही अब
वो शायद अब खुद को खुदा कर रहे हैं । ।








Friday, August 22, 2014

मेरी वफ़ा है मेरी खता

तुझे सोंचना गलती मेरी तुझे चाहना मेरी भूल है ,



जो मेरी वफ़ा है मेरी खता तो मुझे हर सजा अब कूबूल है ।



झूठा समझा

सीधी बातों को मेरी जान के उलटा समझा ,



झूठे लोगों ने हमेशा मुझे झूठा समझा ।


Wednesday, August 20, 2014

मैं तो राही हूँ

खुदा जाने की अभी दूर कितना जाना है ,



मैं तो राही हूँ मेरा काम तो बस चलना है ।


Tuesday, August 19, 2014

टूट रही हूँ धीरे - धीरे

सच बोलूँ मुस्कान के पीछे दर्द छुपे हैं बहुत घनेरे ,
यूँ लगता है भीतर - भीतर टूट रही हूँ धीरे - धीरे ।।



खुदा ले के चल

निगाहों मे सारा जहाँ ले के चल ,  
बुर्जुगों की सर पे दुआ ले के चल।
 
तू सबसे अलग है तू सबसे जुदा, 
ले ऐसी हुनर ये अदा ले के चल।  
 
न तुम बेवफा हो न मैं बेवफा ,  
न टूटे यकीं वो वफा ले के चल।  
 
सभी हैं हमारे सभी के हैं हम ,  
तू दिल में यही फलसफा ले के चल ।

न मंदिर में है ना वो मस्जिद में है,
है अपने ही अंदर खुदा ले के चल।


Saturday, August 9, 2014

जान ले लेगी किसी दिन ये शरारत आपकी

इस तरह नजरे मिलाना इस तरह मुंह फेरना ,
दिल्लगी में दिल लगाने की ये आदत आपकी ।

हो रही नजरे - करम हम पे जियादा आजकल ,
जान ले लेगी किसी दिन ये शरारत आपकी ।


Friday, August 8, 2014

जिंदगी तुम हो हमारी

बेकरारी ये खुमारी जान ले लेगी हमारी हो गया है हाल ऐसा, फिर रही हूँ मारी मारी कह न पाती रह न पाती, आरजू मैं तुझ से सारी , तुम न समझे अब भी मुझको, जिंदगी तुम हो हमारी | |





Wednesday, August 6, 2014

मुझे तेरी बहुत जरूरत थी

लोगों की भीड़ तो ज्यादा थी पर हम तन्हा थे ।
बेचैनी थी बेताबी थी बेकल अरमां थे ।

अब आये तो बतलाओ की तुम क्यूँ ना आये ,
मुझे तेरी बहुत जरूरत थी उस वक़्त कहाँ थे । ।


Friday, August 1, 2014

प्रेम के धागे

बरसों तक प्रेम के धागे में मोती गुंथे थे ,
बस एक जरा से झटके से वो टूट गए हैं ।

हमने अपने पाओं में खुद डाली थी बड़ी ,
अब क्या पछताना जो हम पीछे छूट गए हैं ।



मैं पहले पत्थर दिल ना थी

राहें इतनी मुश्किल ना थी ,
ऐसी उलझी मंजिल ना थी ,

मैं बदली हूँ तुझ से मिल के ,
मैं पहले पत्थर दिल ना थी ।