https://youtu.be/5HCQWo4eW0M
Theme of this blog is love and emotions attached . Songs , Gajals , Shayri written on this blog are completely my personal vies and feelings which i put into words. You can find different kind of emotion related to love and passion arranged into words which will touch your heart.
Monday, November 14, 2016
Friday, October 28, 2016
टूटा हुआ मैं पत्ता
टूटा हुआ मैं पत्ता , ना घर है ना ठिकाना ।
ले चल हवा तू मुझको , जिस ओर हो ले जाना ।
तूफ़ान का मारा हूँ , किस्मत से मैं हारा हूँ ,
किसी डाल पे था कलतक , अब दरबदर पड़ा हूँ ,
मेरी ख्वाहिशें घरौंदा , मेरे ख़ाब आशियाना ।
टूटा हुआ मैं पत्ता , ना घर है ना ठिकाना ।
न हिन्दू न मुसलमां हूँ , इक भूली दास्ताँ हूँ ,
सारा जहाँ है मेरा , पर मैं न किसी का हूँ ,
मजहब मेरी मुहब्बत , तबियत है आशिकाना ।
टूटा हुआ मैं पत्ता , ना घर है ना ठिकाना ।
बारिश में भी जला मैं , पत्थर पे भी चला मैं ,
राहों में दिन गुजारा , दुश्वारी में पला मैं ,
मुझे याद बहुत आयें , गुजरा हुआ जमाना ।
टूटा हुआ मैं पत्ता , ना घर है ना ठिकाना ।
मंजिल न जाने क्या हो , ठहराव कब कहाँ हो ,
किसको पता है कल का , है आज कल कहाँ हो ,
हम ना रहेंगे फिर भी , आएगा दिन सुहाना ।
टूटा हुआ मैं पत्ता , ना घर है ना ठिकाना I
ले चल हवा तू मुझको , जिस ओर हो ले जाना ।
तूफ़ान का मारा हूँ , किस्मत से मैं हारा हूँ ,
किसी डाल पे था कलतक , अब दरबदर पड़ा हूँ ,
मेरी ख्वाहिशें घरौंदा , मेरे ख़ाब आशियाना ।
टूटा हुआ मैं पत्ता , ना घर है ना ठिकाना ।
न हिन्दू न मुसलमां हूँ , इक भूली दास्ताँ हूँ ,
सारा जहाँ है मेरा , पर मैं न किसी का हूँ ,
मजहब मेरी मुहब्बत , तबियत है आशिकाना ।
टूटा हुआ मैं पत्ता , ना घर है ना ठिकाना ।
बारिश में भी जला मैं , पत्थर पे भी चला मैं ,
राहों में दिन गुजारा , दुश्वारी में पला मैं ,
मुझे याद बहुत आयें , गुजरा हुआ जमाना ।
टूटा हुआ मैं पत्ता , ना घर है ना ठिकाना ।
मंजिल न जाने क्या हो , ठहराव कब कहाँ हो ,
किसको पता है कल का , है आज कल कहाँ हो ,
हम ना रहेंगे फिर भी , आएगा दिन सुहाना ।
टूटा हुआ मैं पत्ता , ना घर है ना ठिकाना I
Friday, October 21, 2016
तू हमनशीं हमनवाज़ हमकदम बनजा
तू हमनशीं हमनवाज़ हमकदम बनजा,
न 'मैं' रहे, न 'तू' रहे आज हम बनजा।
मैं गुन गुनाउं गीत तुम हो मेरे,
मैं हार जाऊँ जीत तुम हो मेरे,
हूँ दिले-मरीज तू मरहम बनजा ,
तू हमनशीं हमनवाज़ हमकदम बनजा,
मितादूं फ़ासले जो भी आयें ,
तेरे पहलू में दिन गुजर जाये,
मैं सुर बनूंगा तू सरगम बनजा ,
न 'मैं' रहे, न 'तू' रहे आज हम बनजा।
मैं गुन गुनाउं गीत तुम हो मेरे,
मैं हार जाऊँ जीत तुम हो मेरे,
हूँ दिले-मरीज तू मरहम बनजा ,
तू हमनशीं हमनवाज़ हमकदम बनजा,
मितादूं फ़ासले जो भी आयें ,
तेरे पहलू में दिन गुजर जाये,
मैं सुर बनूंगा तू सरगम बनजा ,
राहत नही तुमको भी
राहत नही तुमको भी रात भर हम भी नही सो सके,
ना एक दूजे के संग जी सके न दुनियाँ के ही हो सके।
ना याद है ना ही भूले हैं हम,
खुशियां भुलादीं न भूले हैं गम,
घुटते रहें रात दिन बेसबब,जीभर के ना रो सकें।
ऐ ज़िंदगी तेरे सारे सितम,
दिल पे उठाया माना करम,
हम पा के भी न तुझे पा सकें ना खोके ही खो सके।
सारे क़िताबों से फेकें गुलाब,
खुशबू नही पर गए ऐ जनाब,
आँसू ही आँसू बहें बेहिसाब ना दागे-गम धो सके।
खुशबू नही पर गए ऐ जनाब,
आँसू ही आँसू बहें बेहिसाब ना दागे-गम धो सके।
Tuesday, October 4, 2016
Thursday, September 22, 2016
Tuesday, September 20, 2016
मुहब्बत है
इक एहसास मुहब्बत है और कुछ भी नही ,
अनकही प्यास मुहब्बत है और कुछ भी नही,
एक जर्रा भी वही है उसी के जैसा है,
दिली- कयास मुहब्बत है और कुछ भी नही ।
Monday, September 19, 2016
Sunday, September 18, 2016
Saturday, September 17, 2016
हर शख्स यहां का शायर जैसा दीखता है
जीवन के कोरे पन्नों पर अपनी बातें लिखता है,
मुझको तो हर शख्स यहां का शायर जैसा दीखता है।।
By
Preeti Suman
मुझको तो हर शख्स यहां का शायर जैसा दीखता है।।
By
Preeti Suman
Saturday, July 16, 2016
Friday, July 15, 2016
रौशनी और चाँदनी
जितनी सुलझाते हैं उलझन और भी होती है क्यों ,
जब भी तन्हा होती है बेबसी रोती है क्यों ,
रौशनी और चाँदनी में बैर है किस बात का ,
जागती है एक जब भी दूसरी सोती है क्यों ॥
JITNI SULJHATE HAIN ULJHN OR V HOTI HAIN KYUN...
JB TNHA HOTI HAI TO BEBSI ROTI HAI KYUN...
RAUSHNI OR CHANDANI ME BAIR HAI KIS BAT KA...
JAGTI HAIEK JB V DUSRI SOTI HAI KYUN..
जब भी तन्हा होती है बेबसी रोती है क्यों ,
रौशनी और चाँदनी में बैर है किस बात का ,
जागती है एक जब भी दूसरी सोती है क्यों ॥
JITNI SULJHATE HAIN ULJHN OR V HOTI HAIN KYUN...
JB TNHA HOTI HAI TO BEBSI ROTI HAI KYUN...
RAUSHNI OR CHANDANI ME BAIR HAI KIS BAT KA...
JAGTI HAIEK JB V DUSRI SOTI HAI KYUN..
Wednesday, June 29, 2016
यादों में आओगे तुम
नहीं आने का वादा तो कर गए हो मगर ,
अब भी लगता है लौट आओगे तुम।
1
ये भी मुमकिन है, मुझे भूल न पाए होगे ,
अब की आओगे तो वापस नहीं जाओगे तुम। .
2
मैं भी तुम बिन अधूरा हूँ तुम्हारी ही तरह ,
जब मिलोगे यही हालात बताओगे तुम ।
3
कितनी मजबूर रही वक़्त के हाथों में ख़ुशी ,
फिर मेरे वास्ते उसे ढूंढ के लाओगे तुम ।
4
ख़ाब हैं ,खाब मुकम्मल नहीं हुआ करते ,
याद हैं , यादों में आओगे तुम ।
अब भी लगता है लौट आओगे तुम।
1
ये भी मुमकिन है, मुझे भूल न पाए होगे ,
अब की आओगे तो वापस नहीं जाओगे तुम। .
2
मैं भी तुम बिन अधूरा हूँ तुम्हारी ही तरह ,
जब मिलोगे यही हालात बताओगे तुम ।
3
कितनी मजबूर रही वक़्त के हाथों में ख़ुशी ,
फिर मेरे वास्ते उसे ढूंढ के लाओगे तुम ।
4
ख़ाब हैं ,खाब मुकम्मल नहीं हुआ करते ,
याद हैं , यादों में आओगे तुम ।
Wednesday, May 11, 2016
बंदगी का इल्म
ऐे खुदा मुझे माफ़ करना हो नही जाना खफा ,
बंदगी का इल्म ना था हो गई मुझसे खता ,
मैं नमाजों में गई तो जप रही थी राम को ,
मंदिरों में बैठ कर मैं याद कर आई खुदा ॥
Aie Jha'n Mujhe Maaf Krna, Ho Nhi Jana Khafa ,
Bandagi Ka ILm Na tha Ho Gai Mujhse Khta ..
Mai Nmajo'n Me Gai To Jap Rahi Thi Raam ko ,
Tuesday, March 22, 2016
Wednesday, March 2, 2016
Sunday, February 28, 2016
Friday, February 12, 2016
Friday, February 5, 2016
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