Monday, September 19, 2016

जाना कहाँ मुझको

चले तो जा रहे जाना मगर कहाँ मुझको,
रस्ता मालूम है मंजिल नही पता मुझको,

तुम्हे खबर हो तो मुझको भी ये बता देना,
मौत से पहले भी रुकना है किस जगह मुझको।।

By
प्रीति सुमन

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