Saturday, July 16, 2016

खो जाऊँगी तलाश में भटकोगे शहर में

महफूज नही लग रहा दिल दिल के सफर में ,
मैं कैद हो रही हूँ फिर अपनी ही नजर में ,


जब तक तेरी तलब में हूँ तुझको कदर नही ,
खो जाऊँगी तलाश में भटकोगे शहर में ||


Friday, July 15, 2016

रौशनी और चाँदनी

जितनी सुलझाते हैं उलझन और भी होती है क्यों ,
जब भी तन्हा होती है बेबसी रोती है क्यों ,

रौशनी और चाँदनी में बैर है किस बात का , 
जागती है एक जब भी दूसरी सोती है क्यों ॥  


JITNI SULJHATE HAIN ULJHN OR V HOTI HAIN KYUN... 
JB TNHA HOTI HAI TO BEBSI ROTI HAI KYUN...

 RAUSHNI OR CHANDANI ME BAIR HAI KIS BAT KA...
JAGTI HAIEK JB V DUSRI SOTI HAI KYUN..