Sunday, May 18, 2014

मुझको बुरा बोला

उसकी बात फिर उट्ठी उसे सब ने बुरा बोला । 
उसे मैं दोस्त कहती थी उसने दुश्मन मेरा बोला । 

किसी के दर्द कोई सुनता नहीं सहता नहीं है गम ,
मैंने सुन लिया गम सबने पागलपन मेरा बोला । 

उजड़े बाग़ ने दिखला के टूटी डालियाँ मुझको ,
तूफानों से बच अपना समझ के मसवरा बोला । 

दिल जब टूटकर रोया तो निकली बद्दुआ दिल से ,
जब पूछा तो इतना ही कहा की क्या बुरा बोला । 

मुझे इतनी शिकायत है की मैंने गम सहे जिसके ,
उसने भी क्यूँ सबके सामने मुझको बुरा बोला । । 


2 comments:

  1. किसी के दर्द कोई सुनता नहीं सहता नहीं है गम ,
    मैंने सुन लिया गम सबने पागलपन मेरा बोला ..
    ये तो जमाने की रीत है ... जो सुने दूसरों का गम वो पागल कहलाता है ...

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  2. shukriys Digamber Naswa ji ..........

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