Sunday, May 11, 2014

ये दिल

धड़कने तेज चलती हैं और जी अच्छा नही लगता ,
लगता है मुहब्बत आज भी सोने नही देगी ।

फिर तेरी याद का मौसम हवाएँ साथ लाई है ,
जरा सा चैन भी बेचैनियां लेने नही देगी ।

न रस्ते आ के मिलते हैं न मंजिल एक है अपनी ,
मगर ये हसरतें हमको जुदा होने नही देगी ।

न हमने की खता कोई न है इश्के गुनाह कोई ,
पर झूठे दाग भी दुनियां हमें धोने नही देगी ।

सुकूं तुमको भी आ जाता सुकूं हमको भी आ जाता ,
मगर कोई दुआ पूरी ये दिल होने नही देगी। ।  

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