Friday, April 11, 2014

प्रिये मित्रों

प्रिये मित्रों , एक छोटी सी इल्तजा है आप सब से,
मैंने हमेशा आप लोगों की पसंद का ख्याल रख कर शायरी की है , जिस प्रकार की शायरी ज्यादा देखि गई ,मैंने उसे आपकी पसंद समझ कर वैसी ही शायरी लिखने की बार - बार कोशिश की। ....... पता नही कितनी कामयाब हुई। …… आज बस यही जानने की जिज्ञासा हुई है की आप को मेरी शायरी कैसी लगती है  अथवा आप किस तरह की शायरी पढ़ना पसंद करते हैं । अतः अपने देश और विदेश के सभी पाठक मित्रों से अनुरोध है की मेरे ब्लॉग से जुड़कर (फॉलो माई ब्लॉग ) मुझे अपने भाव से अवगत कराएं । (बाई ई मेल या कॉमेंट ) । 

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