Wednesday, April 9, 2014

हादसा ऐसा कभी होता तो नही था

हादसा ऐसा कभी होता तो नही था ।
दिल इस कदर बेचैन था सोता ही नही था ।

इक दिल का खरीदार था कुछ इस कदर चालाक ,
ले लेता था वो दिल दिल देता ही नही था ।

इक याद आ रहा था वो ही दिल को बार - बार ,
जाके भी दूर दिल से वो जाता ही नही था ।

वो मुस्कुरा के देखता मैं मांगती थी दिल ,
दिल मेरा उसके पास से आता ही नही था ।

दिल लेके वो चला गया मैं देखती रही ,
वो मुड़के एक बार देखता भी नही था ।
















No comments:

Post a Comment