Tuesday, November 19, 2013

आंसू प्यार भरा

माना कि तुम नाम मेरा न लेते होगे  , ,
दिल ही दिल में जिक्र मेरा आता तो होगा । 

जीवन के पन्नों को जभी पलटते होगे ,,
याद वही किस्सा बिसरा आता तो होगा ।

कहीं कोई धुन प्रेम कि जब-जब बजती होगी ,
नशा कोई दिल पे गहरा छाता तो होगा । 

कभी कोई जब करता होगा प्यार कि बातें ,
नजर तुम्हे भी चेहरा मेरा आता तो होगा ।  

कभी किताबों में जो कोई खत मिलता होगा ,,
आँख में आंसू प्यार भरा आता तो होगा । 

Monday, November 18, 2013

गीत

रात - रात भर खाबों से मैं लड़ के हारा हूँ ।
तू कहता है गैर हूँ मैं वो कहे तुम्हारा हूँ ।

लगता है यूँ जन्म-जन्म से है तू दिल के पास ,
लहराता सा सागर तू मैं तेरा किनारा हूँ ।

कैसे मैं समझाऊं अपने प्यार कि गहराई  ,
तेरे प्यार में घायल हूँ जां तुझपे वारा हूँ ।

लोग मेरी हालत का जाना देंगे तुमको दोष ,
सबको है मालूम मैं तेरे प्यार का मारा हूँ ।

क्यूँ आते हो खाबों में जब कोई नही मेरे ,
कह भी दो अब जानेजां मैं तुमको प्यारा हूँ ।

my bhojpuri bhajan

Sunday, November 17, 2013

उल्फत में तेरे

कुछ न कुछ उल्फत में तेरे कर जायेंगे ।
सुनो अगर मुंह फेरोगे तो मर जायेंगे ।

कोई सितम करलो लेकिन ऐसा मत करना ,
तोड़ोगे दिल ऐसे सनम बिखर जायेंगे ।

कौन करेगा इश्क अगर जो  वफ़ा न होगी ,,
अगर बेवफा तुम भी हुए किधर जायेंगे ।

सहने को तो ये गम भी हम सह लेंगे पर ,
दाग रहेंगे, जख्म भले ही भर जायेंगे ।

 

Monday, November 11, 2013

मांफीनामा

तुमको अगर सुनाई दे तो मैं भी रो लूँ ।
बहुत बेसबर हुआ है दिल कुछ सबर तो ले लूँ ।

हँसते - हँसते झूठी हंसी जी उब गया है ,,
जी करता है लगके तेरे गले से रो लूँ ।

किये हुए बरताव का पश्चाताप हैं आंसूं ,,
आज तेरे आगे रोके सब पाप मैं धो लूँ ।

बिना मुहब्ब्त के दुनियां में क्या रखा है ,,
तुम भी मेरे हो जाओ मैं तेरा हो लूँ ।

तुमने गर माँफी मुझको दे दी तो बोलो ,,
आज तुम्हारे कांधे पे सर रख कर सो लूँ ।

इक तो तुम रूठे उसपे अलसाया मौसम ,,
इक नाजुक दिल पे बोलो गम कितने झेलूं ।

Sunday, November 10, 2013

मैं तेरा हूँ कि न हूँ

मैं तेरा जो था कभी वो ही तेरा हूँ कि न हूँ ।
मुझे बता के तो जा कि मैं तेरा हूँ कि न हूँ ।

मुझसे यूँ फेर के नजरे क्यूँ चले जाते हो ,,
मुझसे भी बाते करो मैं भी यहाँ हूँ कि न हूँ ।

मुझे लगता है मुझमे जो भी है सब तेरा है ,,
तुम मेरे ना सही पर मैं भी मेरा हूँ कि न हूँ ।

चलो अच्छा हुआ कि तुमने भरम तोड़ दिया,,
सच कहदो मैं तुमसे मारा गया हूँ कि न हूँ ।

शायरी

तेरी तरह इसी शहर का बसिंदा हूँ मैं ,
फर्क ये है कि तू इंसा है परिंदा हूँ मैं ।


तू तो सरहद पे बारूद बिछा रखता है ,,
मैं पार जाता हूँ और देखले जिन्दा हूँ मैं।

Friday, November 8, 2013

शायरी

मैं बद्दुआ तो किसी को दिया नही करता ।
मगर दिल तेरे लिए कोई दुआ नही करता ।

मतलबी से तो बस मतलब ही सीधे होते हैं ,
ऐसे रिस्तों से कुछ भला हुआ नही करता ।

दिल सीसे से भी नाजुक मिजाज रखता है ,
टूट जाए तो फिर दुबारा जुड़ा नही करता । 

Tuesday, November 5, 2013

कभी तो रब कि रहमत होगी

यूँ ही आँख न नम होगा,
कुछ न कुछ तो गम होगा ।

ढूंढा तो उसने भी होगा ,
मिला नही मरहम होगा ।

कोई उपाये कर लोगे पर ,
गम धीरे ही कम होगा ।

आस लगाये बैठा है दिल ,
फिर से वही मौसम होगा ।

कभी तो रब कि रहमत होगी ,
कभी तो उसका करम होगा ।  ,,

शायरी

तू जाग - जाग कर मेरा ही नाम जपता है।
और मुझे हिचकियाँ आतीं है बुरा लगता है । 

मुझे लगता है मुहब्ब्त इसी को कहते हैं ,
तू मेरा कोई नही फिर भी मेरा लगता है ।

जागता ' दीया '

क्यूँ इंसान ये अक्सर ख़ुशी में भूल जाता है ।
कोई गम में होता है और कोई मुस्कुराता है ।।

न जाने कौन सी खता कि 'दिये' ने यारों ,
जिस देखो वही 'दिये' को ही जलाता है ।

कभी जिस दिन को कोसते थे जी भर के हम ,
अब वही बीत गया खूब याद आता है ।

तुम्हे क्या लगता है बेगैरत हो गये हैं सब ,,
क्यूँ जान लेके भी कोई काम नही आता है ।

तुमसे माँगा था क्या कन्धा तुम्हारा रोने को ,,
किसी के गम पे भला कोई ऐसे मुस्कुराता है ।

मुझे लगता है त्योहारों पे तो खुश हो लूँ मगर ,
गम कि आदत पड़ी खुशियों से जी घबराता है ।

किसी किताब में लिखा था बुरा मत कीजे ,,
मैं बुरा अपना करूं क्या किसी का जाता है ।

मैंने सब कह दिया मेरा तो जी हलका हुआ ,,
तू गम छुपा - छुपा के अपना दिल जलाता है।

मैंने देखा है रातभर को जागता है दीया
और वो जब जागता है कितनों को सुलाता है ।