Monday, April 22, 2013

इन्सान का डर है

पेड़ों ने फूलों को ,
ऐसे दी हिदायत  :-
कलियों को छुपालो ,
यहाँ तूफ़ान का डर है ।

सुना है ,
अब भगवान का ;
 नही किसी को डर ,
आज के इन्सान को ,
 इन्सान का डर है ।

फूलों पे जोर अपना ,
आजमा लिया उसने ,
आजकल इंसान की ,
कलियों पे नजर है ।


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