है उसकी गलतियाँ , मगर मैं खुद से खफा हूँ ,
मै मेरा न रहा , जबसे उसका हुआ हूँ ।
इक सौदा दिल का हो गया ,नादानी में मुझसे ,
अब हाल है , अपने ही घर मेहमान बना हूँ ।
वो पूछ्ते हैं , कबतलक रुकना है बताओ ,
मैं क्या कहूँ , ये सोचके गुमसुम सा खड़ा हूँ ।
वो मुस्कुराते , जानते थे , ऐसा ही होगा ,
वो दिल था, आज का दिन , उसी दर पे पड़ा हूँ ।
मै मेरा न रहा , जबसे उसका हुआ हूँ ।
इक सौदा दिल का हो गया ,नादानी में मुझसे ,
अब हाल है , अपने ही घर मेहमान बना हूँ ।
वो पूछ्ते हैं , कबतलक रुकना है बताओ ,
मैं क्या कहूँ , ये सोचके गुमसुम सा खड़ा हूँ ।
वो मुस्कुराते , जानते थे , ऐसा ही होगा ,
वो दिल था, आज का दिन , उसी दर पे पड़ा हूँ ।
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