Sunday, February 24, 2013

प्यार में इतने गम भी होंगे किसने सोंचा था

दुःख के दिन यूँ लम्बे होंगे  ,  किसने सोंचा था ।
प्यार में इतने गम भी होंगे  ,  किसने सोंचा था ।

जगती आँखें जगती रातें ,टूटे हुए दिल की दुनियां ,
ऐसे हाल में हम भी होंगे  ,   किसने सोंचा था ।
प्यार में इतने गम भी होंगे  ,  किसने सोंचा था ।

ना गम है ना मातम कोई ,फिर भी होश नही बांकी ।
दिन ऐसे बेदम भी होंगे  ,  किसने सोंचा था ।
प्यार में इतने गम भी होंगे  ,  किसने सोंचा था ।

क्या होली है क्या दिवाली , अपने हर दिन इक जैसे ,
बेरंगी हर मौसम  होंगे  ,   किसने सोंचा था ।
प्यार में इतने गम भी होंगे  ,  किसने सोंचा था ।

रखे रहें ताउम्र छुपाकर , दुश्मन से अपने दिल को ,
कातिल अपने सनम भी होंगे ,  किसने सोंचा था ।
 प्यार में इतने गम भी होंगे  ,  किसने सोंचा था ।

हाल पे मेरे रोने आये , वो भी तरस खाकर इकदिन,
यूँ दिल के मातम भी होंगे  ,   किसने सोंचा था ।
प्यार में इतने गम भी होंगे  ,  किसने सोंचा था ।

मैंने कहा ,ले जा गम अपने , अब न उठाये जाते हैं ,
तेरे  ऐसे  करम  भी होंगे  ,  किसने सोंचा था ।
 प्यार में इतने गम भी होंगे  ,  किसने सोंचा था ।

चार दिनों की चांदनी थे बस , प्यार वफा वाली बातें ,
झूठे तेरे कसम भी होंगे  ,  किसने सोंचा था ।
प्यार में इतने गम भी होंगे  ,  किसने सोंचा था ।

हंसकर वो बस इतना बोले , हार गये हमदम मेरे ,
उनके और जुलम भी होंगे  ,  किसने सोंचा था ।
 प्यार में इतने गम भी होंगे  ,  किसने सोंचा था ।

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