Thursday, February 14, 2013

मुहब्बत है

जो खुशबु की तरह दिल में उतर जाये ,मुहब्बत है ।
किसी के नाम से जब दिन संवर जाए, मुहब्बत है ।

लब खोले बिना आँखें  , बयाँ कर जाए अफसाना ,
किसी की मुस्कुराहट पे जो मर जाएँ , मुहब्बत है ।

की जब कोई दवाई काम न , आये मुहब्बत में ,
किसी को देखके धडकन जो बढ़ जाये ,मुहब्बत है ।

उसे जो देख लें नजरें  ,  बहारों को भी ना देखें ,
जिधर देखें हो वो ही वो नजर आये , मुहब्बत है ।

कुछ कहके भी ना कहना , बताना फिर छुपा लेना ,
उलझन जब भी ऐसी दिल में बढ़ जाये ,मुहब्बत है ।

निगाहों को गिरा देना , गिरा कर  फिर उठा लेना ,
अदाएं जब किसी की दिल में गर जाये , मुहब्बत है ।

यही दस्तूर है दिल का , तराना है , फसाना है ,
मुकर जाये तो धोखा है , जो कर जाए मुहब्बत है ।

2 comments:

  1. कुछ कहके भी ना कहना , बताना फिर छुपा लेना ,
    उलझन जब भी ऐसी दिल में बढ़ जाये ,मुहब्बत है ।
    क्या बात है ... हर शेर मुहब्बत का अंदाज़ दे रहा है .... मुहब्बत के करीब ला रहा है ... बहुत खूब ....

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  2. bhut bhut dhnyawad दिगम्बर नासवा ji

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