Monday, July 16, 2012

तुम्हारा साथ

अगर तू साथ दे तो जिन्दगी को खास समझेंगे ,
अगर तू छोड़ दे तो जिन्दगी को भूल समझेंगे ।

माना रास्ता मुश्किल बहुत होगा मुहब्बत में ,
अगर तू साथ चल,काँटों को भी फूल समझेंगे ।

जो तुम  हाथ को थामे रहोगे हर मुसीबत में ,
बड़े तूफान को भी अपने आगे धूल समझेंगे ।

कहीं जो तुम चले जाओगे राहों में ठुकराकर ,
बिना तेरे हर लम्हे को हम फ़जूल समझेंगे । 

शायरी

प्यार का नाम लूँ , होठों पे तेरा नाम आ जाये ,
                            हवाएं छू ले तो जैसे ,  तेरा पैगाम आ जाये ।

कभी बेचैन हो धडकन तुम्हारी याद में हमदम ,
                       जरा सा सोंच लूँ तुमको , बस आराम आ जाये । 

Friday, July 13, 2012

शायरी

मुहब्बत के भरम जो पाले दिल ने  , टूट जाते हैं ,
                               सफर  में  साथ  चलते  हैं  राह में  ,  छुट जाते हैं ।

जिन्हें सपनों में सारी रात  ,  शिद्दत से मनाते हैं ,
                             सुबह जब आँख खुलती है ,वो फिर से रूठ जाते हैं । 

शायरी

रवायत रही है इश्क की जी को जला के जी ,
                                माना है जहर इश्क पर खुद को पिला के जी ।

अफ़सोस बस इतना है जिन्हें याद करते हैं ,
                                आये वही कहने की जा मुझको भूला के जी ।

Thursday, July 12, 2012

शायरी

 जब सो जाऊं मै आँखों  में नींदों  की तरह मिलना ,
                                     जब भीगूँ  मैं सावन में तो बूंदों की तरह मिलना |

इक दिन आऊं जब  मिलने तुम्हे मैं तोड़ के बंधन ,
                                    उड़ेंगे  साथ  में  साथी  ,  परिंदों  की तरह मिलना । 

Wednesday, July 11, 2012

शायरी

सतरंगी  अरमानों  वाले  ,  सपने  दिल  में  पलते  हैं  ,
                               आशा और निराशा की , धुन में रोज मचलते हैं ।

बरस-बरस के सावन सोंचे, प्यास मिटाई दुनिया की  ,
                               वो क्या जाने दीवाने तो सावन में ही जलते है  ।

शायरी

ओ साजन तन्हाई में तेरी याद में दिल घबराता है ,
                                    यादों का इक झोंका आके दिल में दर्द जगाता है ।

क्यूँ परदेशी लौट के अपने देश को आना भूल गये ,
                                    बरस बाद तो बीता मौसम भी वापस आ जाता है ।

Tuesday, July 10, 2012

शायरी

मेरी दीवानगी में ए खुदा इतना असर करदे ,
                                        मेरे दिल में है कितना प्यार उनको खबर करदे ।

अकेले हम ही उनकी चाह  में कबतलक  तडपे ,
                                        हमारी चाह में उनको भी तो कभी बेसबर करदे । 

शायरी

प्यार में उनके इस  दिल को बहकते देखा ,
                                 उनकी खुशबु को सांसों में महकते देखा ।

अब मालूम नही मुझको मेरे दिल का पता ,
                                मैंने सीने में अपने  उनको धडकते देखा । 

Monday, July 9, 2012

दिल में हो तस्वीर सनम की ,

दिल में हो तस्वीर सनम की ,
और  मुहब्बत  लब  पर  हो । 

चाह है ये दीवाने  दिल की ,
मेहर  इश्क की सब पर हो|

हर  अरमां  परवान  चढ़े ,
 हर इक चाहत नभ पर हो  |

दीखता हो यार का चेहरा   ,
नजर  भले  ही  रब पर हो |

शायरी

बिन  देखे  भी  तेरा  चेहरा  ,  दीखता  है  पैमानों  में ,
                        बिन बोले भी खनक तुम्हारी  ,सुनते हैं हम कानों में |

बिना  तुझे  पाए  भी  तुझको  पा  लेते  हैं  जीने   में ,
                        इसीलिए  
बस  पहरों  बैठे  रहते   हैं  मैखानों   में

Friday, July 6, 2012

शायरी

वो इस तरह से प्यार निभाते  हैं रोज - रोज ,
                                   दिल में रहके दिल को  जलाते हैं रोज - रोज।

कहने  को  तो  कहते  हैं ,ऐतवार  है फिर भी ,
                                   वो बेवफा समझ के आजमाते हैं रोज - रोज । 

फिरते रहे बेचैनियों को दिल पे उठाये

फिरते  रहे  बेचैनियों  को दिल पे उठाये ,
दीवानगी  की  लेकिन  आदत  नही  गई |

इश्क  तो  तहजीब  है  शरीफजादों  की ,
मर  गये  शरीफों  की  शराफत नही गई |

फिर  वही  उलझन  वही  नफरत  पुरानी ,
दीवानों  की  दुनिया से बगावत नही गई |

साथ - साथ वक्त के बदला बहुत  इन्सान ,
 फिर भी उसके दिल से मुहब्बत नही गई |

दोस्ती की तरह

अपने होठो पे सजा मुझको,  मैकशी की तरह ,
अपनी धड़कन में बसा ले मुझे, ख़ुशी की तरह ।

यकीन  कर  वफा  पे  मेरी ,  ऐ  हमदम   मेरे  ,
बेवफाई  न  करेंगे  हम ,  जिन्दगी  की  तरह|

खुदा  से  पूछा  जो  ,  जीने की वजह तो बता ,
गले लगा के कहा  उसने  ,  हमनशी की तरह ।

 तलाशता  है  शुकून ,  माटी  के पुतलों में तू ,
और जीता  है  जिन्दगी को ,  बेबसी की तरह |


कभी  तलाश  अपने दिल  में ,  वजूद मेरा तू ,
देख  बसता हूँ  तेरे दिल में ,  दोस्ती  की तरह ।

Tuesday, July 3, 2012

झूठा

कसमे  झूठी  रस्में  झूठी  ,  तू  यार  दीवाना  झूठा  है ,
मत समझा मुझको दुनिया की , सारा जमाना झूठा है ।

इसका कहना उसकी बातें, सब याद रहा मुझे भूल गये ,
अब गलती करके बेमतलब का प्यार जताना झूठा है ।

मैं  जान  गई तेरे दिल में  , अब प्यार नही पहले जैसा ,
सब  बातें  तेरी  झूठी   है  ,  हर  एक  बहाना  झूठा  है ।

देखो भोले - भाले  दिल को  ,  मत डालो झूठे चक्कर में ,
पहचान गया दिल अब तुझको, तेरा कसमें खाना झूठा है ।

मैं हार  गई समझा कर के , ये बात तुम्हे हर रोज मगर ,
तुमने  हर  बार  यही  समझा  ,  मेरा  समझाना झूठा है ।

मत  जाओ  मेरे  आंसू  पे  ,  बहते  है  इनको  बहने  दो  ,
ये  गुस्सा  मेरा  सच्चा  है  , इसे  प्यार बताना  झूठा  है।

शायरी

तू गुनहगार है पर तुझसे शिकायत नही मुझको ,
                               झूठा भरोसा मत दे , इसकी आदत नही मुझको ।

तेरी  दीवानगी  तेरा  प्यार , बस  जूनून  है  तेरी ,
                                अब मान  भी ले मुझसे , मुहब्बत नही तुझको ।