Thursday, March 2, 2023

अमर प्रीत

उसने जब -जब नफ़रत भेजी मैंने तब-तब प्यार लिखा, 
अमर प्रीत में प्रिय मीत का हर तोहफ़ा स्वीकार लिखा।

प्रीति सुमन 




मेरा सनम ही मेरा ख़ुदा


रूठा रहे गर रूठे जो मुझसे मेरा खुदा,
मेरे लिए तो मेरा सनम ही मेरा खुदा ||
प्रीति सुमन 













Tuesday, June 16, 2020

मेरी आवाज़ में सुनिए मेरी गज़ल - तुम कहाँ थे


आप सब ने मेरे गज़ल गीत से जितना प्यार किया है उम्मीद करते हैं मेरे गाये हुए गज़ल के विडियो से भी करेंगे |  

Wednesday, September 13, 2017

लगा तीर कोई सीने में

टिस ऐसी उठी गम्भीर कोई सीने में।
आह निकली हुआ पीड़ कोई सीने में।

तूने आंखों से करामात कोई की शायद
ऐसा लगता है लगा तीर कोई सीने में।।
By
प्रीति सुमन
Preeti Suman